रांची अनौपचारिक शिक्षा
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अनुकंपा पर नौकरी के लिए पटना के राकेश ने सीएम को लिखा पत्र
१३ जून २०१७ ०१:०३:०३ bhaskar
रांची} पटना(बिहार) निवासी राकेश कुमार ने सीएम रघुवर दास को पत्र लिखकर अपने पिता स्व. कमलेश प्रसाद के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति और पेंशन दिलाने की मांग की है। राकेश ने कहा कि इस मामले की शिकायत सीएस से भी की गई है, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। डीबी स्टार ने 30 मार्च को वाणिज्यकर नौकरी दे रहा, मानव संसाधन पेंशन शीर्षक से प्रकाशित खबर में बताया था कि पटना की चिंता देवी बीते नौ साल से अपने बेटे राकेश कुमार की अनुकंपा नियुक्ति और पेंशन के लिए झारखंड में मानव संसाधन और वाणिज्यकर विभाग के चक्कर काट रही हैं। क्याहै मामला : राकेशके पिता कमलेश प्रसाद, जिला जन शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय गुमला में वर्ष 15.05.2001 तक आशुलिपिक थे। इसी तारीख को झारखंड सरकार ने जन शिक्षा निदेशालय समाप्त कर दिया था। कमलेश अपने विभाग के समायोजन के इंतजार में थे। अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रम के आशुलिपिकों के समायोजन के लिए वाणिज्यकर विभाग से 18.02.2008 को आदेश निर्गत हुआ। लेकिन 30.01.2008 को कमलेश प्रसाद की मृत्यु हो गई। दरअसल, नियुक्ति से पहले मौत होने पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का नियम नहीं है।...
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१३ जून २०१७ ०१:०३:०३
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राज्य में CID-यूनिसेफ समेत कई विभाग मिलकर खत्म करेंगे बाल श्रम
१२ जून २०१७ १५:५३:४२ bhaskar
रांची। यूनिसेफ की ओर से राज्य में बाल श्रम के उन्मूलन के लिए रणनीति और जमीनी हकीकत के आधार पर एक अभियान ‘बचपन मतलब खेल और पढ़ाई’ तैयार किया गया है, जो कि उन 15 जिलों में चलाया जाएगा जहां जनगणना 2011 के अनुसार 5-14 साल के सर्वाधिक बच्चे बाल श्रमिक हैं। - ये जिले हैं - गिरिडीह, रांची, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, गुमला, दुमका, पलामू, धनबाद, साहेबगंज, गोड्डा, लोहरदगा, हजारीबाग, लातेहार, पाकुड़ और देवघर। - जनगणना 2011 के अनुसार, लगभग 4.07 लाख बच्चे राज्य में बाल श्रम में शामिल हैं, जो कि पूरे राज्य के बच्चे की जनसंख्या का 5 प्रतिशत है। ये बच्चे घरेलू कार्यों, कृषि, खदान और अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत हैं। - घरेलू कार्यो और नौकरी दिलाने के नाम पर हजारों बच्चों की तस्करी कर यहां से बाहर ले जाया जाता है और उन्हें गुलामी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर किया जाता है। श्रम विभाग ने सीआईडी और यूनिसेफ के साथ मिलकर इस अभियान को किया प्रारंभ - श्रम विभाग ने शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, झालसा, सीआईडी और यूनिसेफ के साथ मिलकर इस अभियान को प्रारंभ किया है। -...
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१२ जून २०१७ १५:५३:४२
आज महिलाएं हर क्षेत्र में सक्षम हैं : द्रौपदी मुर्मू
०८ दिसंबर २०१६ २३:००:३६ bhaskar
प्योरिटी शूड बी योर प्रायोरिटी एंड आइडेंटिटी। मन, वचन और कर्म से शुद्ध होना चाहिए। औपचारिक शिक्षा जितनी जरूरी है उनकी ही जरूरत अनौपचारिक शिक्षा की भी होती है। उक्त बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को निर्मला कॉलेज के 47 वें कॉलेज डे सेलिब्रेशन के अवसर पर कहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं ईश्वर की खूबसूरत रचना होती हैं और धरती का आधार भी। आज के समय में महिलाएंं हर क्षेत्र में सक्षम हंै। हर स्टूडेंट के जीवन में शिक्षक का महत्व बताते हुए कहा कि समाज के विकास और बेहतर कल के लिए सबसे बड़ा योगदान शिक्षक का होता है। कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल ने कॉलेज कैंपस में पीपल का पौधा लगाकर किया। मौके पर रांची विवि के कुलपति रमेश पांडेय, प्रिंसिपल सिस्टर ज्योति, सेक्रेट्री सिस्टर लिड विन मैरी, वाइस प्रिंसिपल सिस्टर शोभा के अलावा टीचर्स और स्टूडेंट्स मौजूद रहे। भांगड़ा, नागपुरी, बिहू, राजस्थानी डांस की झलक कॉलेजडे सेलिब्रेशन में स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। प्रेयर सांग बूंद-बूंद मिलके बने सागर... पर लड़कियों ने मनमोहक...
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०८ दिसंबर २०१६ २३:००:३६
निर्मला कॉलेज में कॉलेज डे सेलिब्रेशन, राज्यपाल ने किया उद्घाटन
०८ दिसंबर २०१६ ११:५३:५२ bhaskar
रांची। प्योरिटी शुड बी योर प्रायोरिटी एंड आइडेंटिटी। मन, वचन और कर्म से शुद्ध होना चाहिए। औपचारिक शिक्षा जितनी जरूरी है उनकी ही जरूरत अनौपचारिक शिक्षा की भी होती है। उक्त बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही। वे गुरूवार को निर्मला कॉलेज के 47वें कॉलेज डे सेलिब्रेशन के अवसर पर बोल रहीं थीं। - उन्होंने कि कहा महिलाएं ईश्वर की खूबसूरत रचना होती हैं और धरती का आधार भी। आज के समय में एक महिला हर क्षेत्र में सक्षम है। हर स्टूडेंट के जीवन में शिक्षक का महत्व बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि समाज के विकास और बेहतर कल के लिए सबसे बड़ा योगदान शिक्षक का होता है। - इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत द्रौपदी मुर्मू ने कॉलेज कैंपस में पीपल का पौधा लगाकर की। - मौके पर रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति रमेश पांडेय, स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर ज्योति, सेक्रेट्री सिस्टर लिड विन मैरी , वाइस -प्रिंसिपल सिस्टर शोभा के अलावा टीचर्स और स्टूडेंट्स मौजूद रहे। आगे की स्लाइड्स पर देखें संबंधित PHOTOS : फोटो : पवन कुमार।
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०८ दिसंबर २०१६ ११:५३:५२
पूर्व अनौपचारिक शिक्षा पर्यवेक्षक एवं प्रशिक्षकों का अबतक समायोजन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
०६ दिसंबर २०१६ २१:४४:५४ bhaskar
पीजी डिप्लोमा के लिए एमसीआई से कब तक मान्यता दिलाएगी सरकार राज्यमें दशकों से पढ़ाए जाने वाले पीजी डिप्लोमा कोर्सों को एमसीआई से मान्यता दिलाने के लिए मानदंडों के अनुसार जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने और एमसीआई से निरीक्षण करवाने में राज्य सरकार द्वारा शिथिलता बरतने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को दो हफ्ते में स्पष्ट करने के लिए कहा कि कितने दिनों में डिप्लोमा कोर्स पढ़ाने वाले संस्थानों को एमसीआई से निरीक्षण करवाया जाएगा। न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी के एकलपीठ ने डॉ. मधुकर कुमार एवं अन्य लोगों की रिट याचिका पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन को यह आदेश दिया। पीएमसीएचमें चल रहे छह कोर्स : याचिकाकर्ताके मुताबिक पांच दशकों से पीएमसीएच में पीजी डिप्लोमा के छह कोर्सों की पढ़ाई हो रही है। इन कोर्सों को एमसीआई की मान्यता के बिना राज्य के बाहर अमान्य कर दिया जाता है। इस कारण बिहार के डॉक्टरों को फजीहत उठानी पड़ती है। सुनवाई के क्रम में न्यायमूर्ति त्रिपाठी की एकलपीठ ने मुख्य सचिव को तलब कर राज्य के...
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०६ दिसंबर २०१६ २१:४४:५४
टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज मे स्थाई आचार्य प्रशिक्षण शुरू
१९ मई २०१६ ००:०५:३० bhaskar
पिस्का नगड़ी/रांची| विद्याभारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के स्थाई आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ बुधवार को किया गया। आदित्य प्रकाश जालान टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज सरस्वती विद्या मंदिर, कुदलुम में इसका उद््घाटन विद्या विकास समिति के प्रदेश मंत्री शशिकांत द्विवेदी ने किया। मौके पर द्विवेदी ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत विश्व गुरु रहा है, इसका मुख्य कारण भारतीय शिक्षा दर्शन है। हम विश्व में पुनः अपनी प्रतिष्ठा भारतीय शिक्षा दर्शन के आधार पर ही पा सकते हैं। लेकिन आवश्यकता है भारत के गौरवमयी इतिहास को नई पीढ़ी को बताने की। मौके पर प्रदेश सचिव मुकेश नंदन ने कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की शुरुआत 1952 में भारतीय शिक्षा दर्शन को आधार मानते हुए की गई थी। आज संस्थान लगभग 27000 औपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षा केंद्रों केे माध्यम से समाज में ज्ञान रूपी प्रकाश फैला रहा है। मौके पर प्राचार्य मोती लाल अग्रवाल ने बताया कि 4 जून तक स्थाई आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के अलावा 21 मई तक प्रधानाचार्य और कार्यालय प्रमुखों के लिए कार्यशाला होगी। कार्यक्रम...
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१९ मई २०१६ ००:०५:३०
बिहार के शिक्षा मंत्री रांची पहुंचे
२९ जनवरी २०१६ २२:५४:०४ bhaskar
रांची | बिहारसरकार के शिक्षा मंत्री प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी, मंत्री मदन मोहन झा तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव शकील अहमद शुक्रवार को रांची पहुंचे। उनका रांची हवाई अड्डे पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक दुबे, सत्यनारायण सिंह, मदनमोहन शर्मा समेत अन्य ने स्वागत किया।
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२९ जनवरी २०१६ २२:५४:०४
भूतपूर्व व्यस्क व अनौपचारिक शिक्षाकर्मियों के वेतन के लिए पांच करोड़ रुपए जारी
२२ दिसंबर २०१५ १२:४७:४७ bhaskar
रांची। राज्य के भूतपूर्व व्यस्क व अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए कोर्ट के आदेश पर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने पांच करोड़ 23 लाख रुपए जारी कर दिए हैं। यह वे कर्मी है जिन्हें 2001में सरकार ने दूसरे विभागों में एडजस्ट कर लिया था। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक कमल शंकर श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि भुगतान करने से पहले संबंधित अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी इसकी जांच कर लें। इसकी भी जांच करने को कहा गया है कि जिस अवधि में भुगतान किया जा का है उसका पूर्व में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय या अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से भुगतान नहीं हुआ हो। इसमें किसी प्रकार के भूल के लिए संबंधित अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।
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२२ दिसंबर २०१५ १२:४७:४७
अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों को मिलेगा बकाया वेतन
११ दिसंबर २०१५ १५:२१:५९ Jagran Hindi News - jharkhand:dhanbad
धनबाद : मानव संसाधन विकास विभाग ने भूतपूर्व व्यस्क-अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों के लंबित वेतन भुगतान के
सभी समाचार
११ दिसंबर २०१५ १५:२१:५९
समुदाय के सहयोग समर्पण बिना अनौपचारिक शिक्षा सम्भव नहीं
०९ नवंबर २०१५ २३:१५:१६ bhaskar
सामाजिक-सांस्कृतिकक्षेत्र में सक्रिय संस्था सप्तरंग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शहर में सामाजिक सरोकार रखने वाले तीन समूहों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। समाज के वंचित तबकों में अनौपचारिक शिक्षा का काम कर रहे गांधी स्कूल एमटीएफसी के प्रतिनिधियों ने एक ओर जहां पिछले लगभग एक दशक के अपने कार्य पर बात की, वहीं आईआईएम, वेंकटेश मूर्ति उन के विद्यार्थियों ने पिछले करीब डेढ़ साल के अनुभव साझा किए। सेक्टर-4 के हाउसिंग बोर्ड में पिछले दस साल से प्रवासी मजदूरों के बच्चों में काम कर रहे नरेश ने चिह्नित किया कि यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। कई तरह की बाधाएं उनके सामने आईं, लेकिन लगे रहने की भावना ने उन्हें इस काम को जारी रखने के लिए हौसला दिया। तीनों समूहों से कुछ विद्यार्थियों और स्वयंसेवियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के अन्त में तीनों समूहों को बच्चों के लिए सम्मानपूर्वक कुछ पुस्तकें सप्तरंग, भारत ज्ञान विज्ञान तथा राज्य संसाधन केन्द्र, हरियाणा द्वारा भेंट की गईं। सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, युवा पीढ़ी के मिल-जुले...
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०९ नवंबर २०१५ २३:१५:१६